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Wednesday, December 3, 2014

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इंटरव्यू के दौरान आपकी योग्यता, व्यक्तित्व जैसे कई अहम पहलुओं को परखने की एक कसौटी आपकी बॉडी लैंग्वेज यानी आपके हाव-भाव है।

आप कितने भी जानकार क्यों न हों लेकिन आपके उठने-बैठने का तरीका और हाव-भाव आपके कहे का समर्थन नहीं कर रहे तो इंटरव्यू निकालना आपके लिए मुश्किल हो सकता है, खासतौर पर तब जब इंटरव्यू के दौरान मनोचिकित्सक भी आपके पैनल में मौजूद हों।

आइए जानें, इंटरव्यू के दौरान आपको अपनी बॉडी लैंग्वेज से जुड़ी किन बातों का ध्यान देना चाहिए जिससे खुद को प्रभावी ढंग से सामने रख सकें। 

1. प्रवेश के साथ ही आपकी परीक्षा शुरू
इंटरव्यू के दौरान आपकी परीक्षा कमरे में प्रवेश करते ही शुरू हो जाती है। कमरे में घुसने के साथ आपके चेहरे पर मुस्कान और आत्मविश्वास झलकना चाहिए। 

जाते ही कुर्सी पर बैठने के बजाय सामने वाले के इशारे का इंतजार करें। अगर टेबल के आस-पास कई कुर्सियां हैं तो वह जगह चुनें जहां आपके सामने बैठे व्यक्ति को आपसे बात करने के लिए कम से कम मुड़ना पड़े।

2. आप कैसे बैठते हैं
बैठने के दौरान अपने पॉश्चयर पर ध्यान दें। आपके शरीर की मुद्रा ऐसी होनी चाहिए जिससे आपका आत्मविश्वास और विनम्रता, दोनों का संतुलन दिखे। दोनों पैर जमीन पर रखकर सीधा बैठें। सामने टेबल है तो उसपर हाथ रख सकते हैं नहीं तो दोनों हाथों को अपनी गोद में रखें। अकड़कर बैठने के बजाय आगे की ओर हल्का झुकें।

3. पहले खुद आराम महसूस करें
परीक्षक के सामने बैठने का मतलब यह नहीं कि आप इतने सतर्क हो जाएं क‌ि आपका ध्यान सवालों के जवाब के बजाय अपने ऊपर ही हो। आप जिस मुद्रा में बैठें उसमें आराम महसूस करें। बहुत सिकुड़कर या झुककर बैठने से भी आपका व्यक्तित्व दबा लग सकता है। 

4. हाथों पर दें ध्यान
इंटरव्यू के दौरान अपने विचार रखते वक्त या जवाब देते वक्त हाथों को बहुत अधिक हिलाकर बात न करें। अगर हाथ हिलाकर बात करना आपकी आदत में शुमार है तो इतना ध्यान रखें कि बात करते वक्त हाथ सीने से ऊपर न उठे। इससे आपका व्यवहार आक्रामक लग सकता है।

कुछ लोगों की आदत होती है टेबल पर पड़ी कमल या किसी चीज को हाथ में लेकर उससे खेलते रहना। इंटरव्यू के दौरान इस तरह की कोई गतिविधि न करें क्योंकि इससे आपकी एकाग्रता पर सवाल उठ सकते हैं।

और हां, हाथों को मोड़कर बैठने की कतई गलती न करें। आपकी कतई सुरक्षात्मक होने की जरूरत नहीं है। 

5. बात करते वक्त छोटी-छोटी बातें
- परीक्षक से बात करते वक्त आंखों में आंखें डालकर बात करना सही तरीका है। इससे आपका आत्मविश्वास झलकता है।

- इंटरव्यू के दौरान हर कोई थोड़ा बहुत नर्वस जरूर होता है। ऐसे में अपनी घबराहट को छिपाने के लिए बनावटी मुस्कान का कतई सहारा न लें। हल्की घबराहट तो बातचीत के दौरान अपनेआप दूर हो जाती है। चेहरे पर सामान्य मुस्कान जरूर रखें। हां, बेवजह हंसने-हंसाने की जरूरत नहीं है।

- इंटरव्यू के दौरान अगर परीक्षक आपको पानी या चाय ऑफर करता है तो इसे सामान्य रूप से लें। अगर आपको प्यास लगी है तो पानी पीकर सामान्य होना समझदारी है न कि प्यासा रहकर बेचैन रहना। लेकिन आप यह भी ध्यान रखें कि आप घबराहट में जल्दी-जल्दी पानी पीते हैं तो यह भी सामान्य नहीं है। 

- इंटरव्यू के दौरान बार-बार बालों पर हाथ फेरना, कपड़े ठीक करना आदि छोटी-छोटी बातें आपकी घबराहट सामने रख देती हैं। 

बातचीत के दौरान आप जो नहीं हैं, वह बनने का प्रयास करना निरर्थक है। आप जो हैं, उसे संवारकर पेश करना ही समझदारी है।

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