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Friday, December 5, 2014

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विश्व स्तर पर भारत की बढ़ती भूमिका ने भारतीय टूरिज्म इंडस्ट्री को पूरी तरह बदल दिया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के अनुसार अगले 5 सालों में इस क्षेत्र में 2.5 करोड़ नौकरियां आने की उम्मीद है। अच्छी बात यह है कि इस इंडस्ट्री में कुछ सालों का अनुभव उम्मीदवार के लिए सफलता की कई राहें खोल सकता है। कहां और कैसे हैं नौकरियों के अवसर, बता रहे हैं रोहित पंवार
करियर के लिहाज से भारतीय छात्रों का रुझान टूरिज्म सेक्टर में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और मेडिकल की तुलना में फिलहाल कम देखने को मिलता है। बड़ी संख्या में ऐसे उम्मीदवार भी देखने को मिलते हैं, जो एक या दो साल की नौकरी करने के बाद अपनी फील्ड बदल लेते हैं। टूरिज्म में स्नातक और हॉस्पिटैलिटी में परा-स्नातक करने के बाद वरुण को नौकरी तो मिल गई, पर शुरुआती संघर्ष के दिनों में कम पैकेज के चलते साल भर में ही उन्होंने नौकरी बदल ली।
आईएचएम पूसा से हॉस्पिटैलिटी में परा-स्नातक करने के बाद श्वेता भाटिया भी कैंपस प्लेसमेंट में नौकरी पाने में सफल रहीं, पर तेजी से तरक्की न मिलने के कारण वे मैनेजमेंट में चली गईं। ऐसे में सहज यह धारणा बन सकती है कि क्या भारतीय टूरिज्म सेक्टर विदेशों की तुलना में पिछड़ा हुआ है? इस क्षेत्र में नौकरियां और तरक्की के अवसर कम हैं?
दिल्ली टूरिज्म के मैनेजर सुनील गौड़ इन सवालों से इत्तफाक नहीं रखते। उनके अनुसार, ‘दरअसल करियर के लिहाज से इस क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और धैर्य की दरकार होती है। यह सही है कि शुरुआती संघर्ष अधिक है, पर इस विस्तृत इंडस्ट्री में थोड़ा-सा समय बिताना सफलता की कई राहें खोल देता है। जिस तेजी से भारत में पर्यटन उद्योग का विकास हो रहा है, अंतर्राष्ट्रीय आयोजन हो रहे हैं, वह दिन दूर नहीं, जब यहां प्रोफेशनल्स की भारी मांग होगी।’ मेक माई ट्रिप कंपनी के प्रोग्राम ऑफिसर विशाल कुलकर्णी कहते हैं, ‘पहले यह क्षेत्र असंगठित तरीके से काम कर रहा था, जहां टूर गाइड या किसी निजी ट्रेवल एजेंसी में कमीशन आधारित काम कर रहे लोगों की संख्या अधिक थी। पर अब  छात्रों के लिए टूर गाइड, टिकटिंग, हॉस्पिटैलिटी, ईवेंट मैनेजमेंट से लेकर मेडिकल और एडवेंचर टूरिज्म में भी कई मौके हैं।’

 टूरिज्म इंडस्ट्री बहुत विस्तृत है।

हॉस्पिटैलिटी: टूरिज्म सेक्टर में हॉस्पिटैलिटी बेहद अहम है, जिसमें होटल, रेस्तरां, रिजॉर्ट, थीम पार्क और क्रूज सेवा को शामिल किया जाता है। दिल्ली में पांच सितारा होटल के शैफ अशोक कन्हैया के मुताबिक, ‘हॉस्पिटैलिटी में बतौर शैफ, क्रूज ऑपरेटिंग मैनेजर व साइट सीइंग एडवाइजर की नौकरी कर सकते हैं। 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति ने दृश्य को और बदल दिया है। शहर विशेष की संस्कृति और परिवेश को अच्छी तरह समझने वालों की मांग अधिक है।
हॉस्पिटैलिटी में स्नातक, परा-स्नातक और डिप्लोमा कोर्स इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट पूसा, बेंगलुरू और इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट और आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी से किया जा सकता है।

एडवेंचर टूरिज्म:

 भारत में पहले स्कूबा डाइविंग, वॉटर राफ्टिंग और बंजी जपिंग जैसे रोमांचक खेलों का चलन नहीं था, पर अब इस क्षेत्र में ट्रेनर, मैनेजर, सहायक ट्रिप काउंसलर के तौर पर नौकरियां हैं। एडवेंचर खेलों में रुचि रखने वालों के लिए यहां नौकरी व स्वरोजगार दोनों के मौके हैं। अन्नामलाई विश्वविद्यालय, गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट समेत कई निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों ने पार्ट टाइम कोर्स शुरू किया है।

टिकटिंग: 

सरकारी नौकरियों के साथ ही निजी टिकटिंग कंपनियों में गेस्ट सर्विस कोऑर्डिनेटर, टिकट सेल ऑफिसर, सेल रिजर्वेशन एजेंट के तौर पर नौकरी की जा सकती है। आंकड़े बताते हैं कि अकेले राजधानी दिल्ली में 1.5 लाख से ज्यादा टिकटिंग कंपनियां हैं। इनमें ज्यादातर बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। देशी और विदेशी एयरलाइंस भी टिकटिंग में कार्यरत उम्मीदवारों को अच्छा पैकेज देती हैं। दिल्ली टूरिज्म विभाग और वाइएमसीए जैसे कई संस्थान डिप्लोमा और स्नातक स्तर पर टिकटिंग का कोर्स कराते हैं।
टूर ऑपरेटर: मेक माई ट्रिप के कुलकर्णी बताते हैं कि छोटे स्तर की घरेलू ट्रेवल एजेंसियों के साथ अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली बड़ी कंपनियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। यहां टूर मैनेजर, गाइड कोऑर्डिनेटर, एक्टिविटी गाइड मैनेजर की नौकरी के बेहतर अवसर हैं। दिल्ली टूरिज्म, जामिया विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय टूरिज्म में स्नातक और परा-स्नातक स्तर के कोर्स कराते हैं। इसके अतिरिक्त ईवेंट मैनेजमेंट का क्षेत्र भी टूरिज्म इंडस्ट्री में आता है। यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।

टूरिज्म में  सरकारी नौकरियां

 निजी कंपनियों से इतर टूरिज्म में सरकारी नौकरियों की भी भरमार है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रलय, राज्यों के पर्यटन विभाग और पुरातत्व विभाग में टूर ऑफिसर, कल्चरल ऑफिसर, एरिया मैनेजर, फॉरेस्ट टूर गाइड, संग्रहालय और स्मारक संरक्षक की नौकरी के अवसर हैं। समय-समय पर इन विभागों में भर्ती होती है। राज्य सरकारें अपने स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रम चला रही है। टूरिज्म का एक से दो साल का अनुभव रखने वालों को वरीयता मिलती है। मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2009 में देशभर में पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कुल 25,062 सरकारी नौकरियों की भर्ती की गई। वर्ष 2010-11 में यह ग्राफ बढ़ कर 35,000 तक पहुंच गया।

बदल रहा है कार्यस्थल का परिदृश्य

 टूरिज्म सेक्टर से जुड़ी कंपनियां अपनी कार्यस्थल संबंधी नीतियों में बदलाव कर रही हैं। अब विदेशों की तर्ज पर कम समय में कर्मचारियों को ज्यादा अनुभवी बनाने की नीतियां अपनाई जा रही हैं। गुड़गांव स्थित ट्रेवल एजेंसी ओवोन एयर के टूर मैनेजर सुधीर झा कहते हैं, ‘यह सैर-सपाटे का क्षेत्र है। यहां काम करने वालों के लिए देश-विदेश की जानकारी होना जरूरी है। ऐसे में कंपनियां कर्मचारियों के लिए अलग से कॉरपोरेट टूर प्लान करती हैं। यह किसी तरह की छुट्टी का हिस्सा नहीं होता, बल्कि इसके जरिए कर्मचारियों को व्यावहारिक जानकारी के लिए भेजा जाता है, ताकि वे क्लाइंट को सही से मैनेज कर सकें। एचआर की भर्ती में कंपनियां अब उन लोगों को ज्यादा तवज्जो देती हैं, जिनके पास टूरिज्म में डिप्लोमा, डिग्री या इस क्षेत्र का व्यावहारिक अनुभव होता है।

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दो से अधिक भाषाओं का ज्ञान: भाषा का ज्ञान इस सेक्टर की सबसे बड़ी मांग है। कंपनियां उन कर्मचारियों को सबसे ज्यादा तवज्जो देती हैं, जिन्हें ज्यादा से ज्यादा देसी-विदेशी भाषाओं का ज्ञान हो। सुधीर झा कहते हैं, यहां क्षेत्रीय क्लाइंट्स के अलावा विदेशियों को भी सेवाएं दी जाती हैं। ऐसे में कर्मचारियों का हिन्दी, अंग्रेजी, क्षेत्रीय भाषाओं के अलावा फ्रेंच, स्पैनिश, जापानी आदि भाषाओं में निपुण होना जरूरी है। लिहाजा, कंपनियां चयन प्रक्रिया के दौरान अनुवाद का टेस्ट लेती हैं।
कॉरपोरेट कल्चर की जानकारी: 
अगर आप होटल, मोटल, थीम पार्क, ट्रेवल एजेंसी या किसी सरकारी पर्यटन विभाग में काम करना चाहते हैं तो आपको कॉरपोरेट कल्चर की जानकारी होना जरूरी है। दिल्ली टूरिज्म के कुलकर्णी कहते हैं कि पर्यटन से जुड़ी कंपनियां विभिन्न क्षेत्र की कॉरपोरेट कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टूर प्लान, कांफ्रेंस मीटिंग आयोजित करती हैं। ऐसे में हर रोज बड़ी कंपनियों में काम करने वाले प्रोफेशनल्स से संपर्क करना पड़ता है। कॉरपोरेट क्षेत्र का अनुभव रखने वालों की यहां अच्छी मांग है।

रचनात्मक लोगों की है मांग: 

देश दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों और मौसम की जानकारी तो किसी को भी हो सकती है, पर पर्यटन में उन लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत है, जो दुनिया के नक्शे में नए-नए द्वीपों, खूबसूरत जगहों की खोज में लगे रहते हैं। इसके अतिरिक्त टूर कार्यक्रमों के आयोजन में मनोरंजन को बढ़ाने और पर्यटन की ओर लोगों को आकर्षित करने के लिए नए नए आयडिया रखने वालों को पसंद किया जाता है।

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