इंटरव्यू के दौरान आमतौर पर इन दो बातो का खास तौर पर ख्याल रखेंं-
- पहली बात है , जिस फील्ड का इंटरव्यू आप देने आए हैं, उसके बारे में आपको पूरा ज्ञान होना चाहिये
- दूसरी बात है आपकी बॉडी लैंग्वेज कैसी है । बोले गए शब्द आपके कप्यूनिकेशन का केवल 7 प्रतिशत होते हैं। अतः ध्यान रखें 38 प्रतिशत कम्यूनिकेशन आपके आवाज की टोन से होता है, कि आप धीमा, तेज, प्रभावी किस आवाज में बोल रहे हैं।
लेकिन 55 प्रतिशत कम्यूनिकेशन सिर्फ आपकी बॉडी लैंग्वेज से होता है।
----अब बात आती है बॉडी लैंग्वेज की तो आखिर यह बॉडी लैंग्वेज है क्या बला ? इसे समझें
----अब बात आती है बॉडी लैंग्वेज की तो आखिर यह बॉडी लैंग्वेज है क्या बला ? इसे समझें
बॉडी लैंग्वेज, ऐसा नानवर्बल कम्यूनिकेशन है, जो आपकी आदतों, स्वभाव और मन की स्थिति से पैदा होता है। इंटरव्यू क्लीयर करना कई बार कॉन्फिडेंस और प्रेजेंस ऑफ माइंड पर निर्भर करता है। इसके लिए बॉडी लैंग्वेज महत्वपूर्ण कारक होता है।
किसी व्यक्ति के भाव, विचार और आदत में को-रिलेशन होता है। तीनों ही एक दूसरे से प्रभावित होते हैं। बॉडी लैंग्वेज भी इन तीनों से मिलकर तैयार होती है। इसमें बदलाव से आपमें कॉन्फिडेंस का लेवल बढ़ सकता है। आज आप लीजिये बॉडी लैंग्वेज के बारे में कुछ विशेष जानकारी –
* पैरे सीधे रखें, इसे क्रास नहीं रखें। क्रास पैर प्रतिरक्षात्मक संकेत देते हैं। इससे लगता है कि आपके मन में कुछ भय है या आप कुछ छुपाना चाहते हैं।
किसी व्यक्ति के भाव, विचार और आदत में को-रिलेशन होता है। तीनों ही एक दूसरे से प्रभावित होते हैं। बॉडी लैंग्वेज भी इन तीनों से मिलकर तैयार होती है। इसमें बदलाव से आपमें कॉन्फिडेंस का लेवल बढ़ सकता है। आज आप लीजिये बॉडी लैंग्वेज के बारे में कुछ विशेष जानकारी –
* पैरे सीधे रखें, इसे क्रास नहीं रखें। क्रास पैर प्रतिरक्षात्मक संकेत देते हैं। इससे लगता है कि आपके मन में कुछ भय है या आप कुछ छुपाना चाहते हैं।
* आँखों में आँख डालकर बात करें। दूसरों की ओर देखने से लगता है कि आप उसकी बात को पूरा महत्व दे रहे हैं।
* अपने कंधों को आराम की मुद्रा में रखें। थोड़ा आगे की ओर झुककर बात करने वाला व्यक्ति साफ दिल-दिमाग का माना जाता है। लेकिन ज्यादा आगे की ओर झुके लोग चापलूस मालूम होते हैं।
* बात के दौरान हामी भरें। इसके लिए बातों का दोहराव नहीं करते हुए गर्दन हिलाना बेहतर होता है। हामी भरने के लिए बात का दोहराव करना शिष्टाचार में भी नहीं आता है।
* बात के दौरान हामी भरें। इसके लिए बातों का दोहराव नहीं करते हुए गर्दन हिलाना बेहतर होता है। हामी भरने के लिए बात का दोहराव करना शिष्टाचार में भी नहीं आता है।
* किसी एक तरफ झुककर नहीं बैठें। सीधे बैठें, लेकिन आराम की मुद्रा में बैठें। अगर आप आगे की ओर झुके हैं, तो इससे पता चलता है कि आपको सामने वाले की बातों में रुचि है। वहीं पीछे की ओर ज्यादा झुके लोगों ओवरकॉन्फिडेंट लगते हैं।
* चेहरे पर अतिगंभीरता किसी को नहीं सुहाती है। हल्की सी मुस्कान रखें। जरूरत पड़ने पर हंसें भी। खुश रहने के लिए होठों पर यूं ही मुस्कान चिपका लें, फिर देखिए आपकी तमाम मुश्किलें कैसे छूमंतर हो जाती हैं।
* अपना चेहरा छुएं नहीं। यह सामने वाले को डाइवर्ट करता है। साथ ही बताता है कि आप नर्वस हैं।
* अपना चेहरा छुएं नहीं। यह सामने वाले को डाइवर्ट करता है। साथ ही बताता है कि आप नर्वस हैं।
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आपकी भाषा आपके हृदय का आइना है।अतः हमें आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि हमारे सभी पाठक मधुर भाषी हैं।